October 26, 2019

दीपावली

 

     दोहे : दीपावली

खील-बताशे-फुलझड़ी  , दीपों  सजी  क़तार।
मिलती इनको देखकर,मन को ख़ुशी अपार।।

दीवाली   के   दीप  हों ,  या   होली  के  रंग।
इनका आकर्षण तभी,जब हों प्रियतम संग।।

हो  जाये   संसार  में ,   निर्धन  भी  धनवान।
लक्ष्मी  माता दीजिए  , कुछ  ऐसा  वरदान।।

हो  जाये    संसार  में ,  अँधियारे   की   हार।
कर  दे  यह  दीपावली,  उजियारा  हर द्वार।।

निर्धन को  देें वस्त्र-धन , खील  और मिष्ठान।
उसके मुख पर भी सजे, दीपों  सी मुस्कान।।                  -
                          -----ओंकार सिंह विवेक
                              (सर्वाधिकार सुरक्षित)
                       चित्र:गूगल से साभार

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