July 31, 2019

मुन्शी प्रेमचंद जयंती पर

मुन्शी प्रेमचंद को समर्पित कुछ दोहे-
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लिखकर सदा समाज का,सीधा सच्चा हाल,
मुन्शी  जी  की   लेखनी,करती रही कमाल।
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'हल्कू' 'बुधिया' से सरल,  'होरी' से लाचार,
इस समाज में आज  भी,जीवित हैं किरदार।
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पढ़ते हैं हम जब  कभी, 'ग़बन'और 'गोदान',
आ  जाता  है    सामने, असली  हिन्दुस्तान।
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किये  अदब  के वासते, बड़े  बड़े सब काम,
मुन्शी जी  हम आपको, करते आज प्रणाम।
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-----ओंकार सिंह विवेक

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