आज दिनाँक 27 जुलाई,2019 को हिंदी के महान साहित्यकार डॉक्टर छोटे लाल शर्मा नागेन्द्र जी की पुण्य तिथि पर मेरे निवास पर डॉक्टर रघुवीर शरण शर्मा जी की अध्यक्षता में 'पल्लव काव्य मंच' के तत्वावधान में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कवि गोष्ठी में सर्वप्रथम सभी साहित्यकारों द्वारा नागेन्द्र जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करके उनकी स्मृति को नमन किया गया।काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ करते हुए कवि शिवकुमार चन्दन द्वारा सुंदर कंठ से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी।इस अवसर पर डॉक्टर नागेन्द्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विचार व्यक्त करते हुए साहित्यकारों ने कहा कि नागेन्द्र जी बहुत बड़े साहित्यकार थे।उनकी रचनाओं में कथ्य और शिल्प की श्रेष्ठता देखने को मिलती है।छंद शास्त्र में उन्हें महारथ हासिल थी।उनका सम्पूर्ण सृजन समाज को नई दिशा देता रहेगा।इस अवसर पर काव्य पाठ करते हुए डॉक्टर रघुवीर शरणं शर्मा,सीता राम शर्मा,शिव कुमार चन्दन, जितेन्द्र कमल आनंद,रामसागर शर्मा, कमल नोमानी,जितेंद्र नंदा और ओंकार सिंह विवेक द्वारा अपनी रचनाओं के माध्यम से नागेन्द्र जी की स्मृतियों को नमन किया गया।कवि ओंकार सिंह विवेक द्वारा नागेन्द्र जी को अपने तीन दोहों के माध्यम से याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए गये-
1. कविता में जो आपने , दिल को रखा निकाल,
उसकी ढूँढे से कहीं, मिलती नहीं मिसाल।
कवि गोष्ठी में सर्वप्रथम सभी साहित्यकारों द्वारा नागेन्द्र जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करके उनकी स्मृति को नमन किया गया।काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ करते हुए कवि शिवकुमार चन्दन द्वारा सुंदर कंठ से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी।इस अवसर पर डॉक्टर नागेन्द्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विचार व्यक्त करते हुए साहित्यकारों ने कहा कि नागेन्द्र जी बहुत बड़े साहित्यकार थे।उनकी रचनाओं में कथ्य और शिल्प की श्रेष्ठता देखने को मिलती है।छंद शास्त्र में उन्हें महारथ हासिल थी।उनका सम्पूर्ण सृजन समाज को नई दिशा देता रहेगा।इस अवसर पर काव्य पाठ करते हुए डॉक्टर रघुवीर शरणं शर्मा,सीता राम शर्मा,शिव कुमार चन्दन, जितेन्द्र कमल आनंद,रामसागर शर्मा, कमल नोमानी,जितेंद्र नंदा और ओंकार सिंह विवेक द्वारा अपनी रचनाओं के माध्यम से नागेन्द्र जी की स्मृतियों को नमन किया गया।कवि ओंकार सिंह विवेक द्वारा नागेन्द्र जी को अपने तीन दोहों के माध्यम से याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए गये-
1. कविता में जो आपने , दिल को रखा निकाल,
उसकी ढूँढे से कहीं, मिलती नहीं मिसाल।
2. रचनाओं में फिर वही, लेकर नये कमाल,
आ जाओ इस मंच पर, कविवर छोटे लाल।
आ जाओ इस मंच पर, कविवर छोटे लाल।
3. कवि गण 'पल्लव मंच' के, लेकर प्रभु का नाम,
आज आपकी याद को, शत शत करें प्रणाम।
आज आपकी याद को, शत शत करें प्रणाम।
कार्यक्रम में विचार विमर्श के मध्य इस बात पर भी
सहमति बनी की नागेन्द्र जी की याद में रामपुर में
किसी ऐसे काम को अंजाम दिया जाये जिससे लोग उनके साहित्यिक योगदान का सदैव स्मरण करते रहें।इस विषय में विस्तार से चर्चा अभी अपेक्षित है।
कार्यक्रम समापन पर मेज़बान ओंकार सिंह विवेक द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया।कार्यक्रम में श्रीमती रेखा सैनी,आदित्य सैनी और प्यारे लाल सैनी भी उपस्थित रहे।
सहमति बनी की नागेन्द्र जी की याद में रामपुर में
किसी ऐसे काम को अंजाम दिया जाये जिससे लोग उनके साहित्यिक योगदान का सदैव स्मरण करते रहें।इस विषय में विस्तार से चर्चा अभी अपेक्षित है।
कार्यक्रम समापन पर मेज़बान ओंकार सिंह विवेक द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया।कार्यक्रम में श्रीमती रेखा सैनी,आदित्य सैनी और प्यारे लाल सैनी भी उपस्थित रहे।
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