February 15, 2025

कुछ बातें कुछ कविता

नमस्कार मित्रो 🌹🌹🙏🙏
मित्रो एक प्रतिष्ठित साहित्यिक व्हाट्सएप ग्रुप है जिसका नाम है रचनाकार दिल्ली-1,इस ग्रुप के बारे में पहले भी मैं कई बार अपने ब्लॉग पर पोस्ट्स लिख चुका हूँ।बहुत ही व्यवस्थित और अनुशासित साहित्यिक पटल है यह जिससे देश भर के तमाम साहित्यकार जुड़े हुए हैं।मैं भी पिछले कई वर्षों से इस पटल से जुड़ा हुआ हूँ। कभी-कभी ग़ज़ल समीक्षा के दायित्व का निर्वहन भी करता हूँ इस पटल पर।
इस बार ग़ज़ल कहने के लिए जो मिसरा पटल पर दिया गया उस पर मैंने भी ग़ज़ल कही थी। मैं आभारी हूँ  सम्मानित मंच का कि निर्णायकों ने मेरी ग़ज़ल को सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान के लिए चयनित किया।
आदरणीय दीपेश दवे जी को भी उनकी ग़ज़ल के चयन के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ।
निर्णायकों तथा पटल प्रशासन द्वारा जारी किए गए परिणाम को हूबहू मंच से साभार लेकर आपके साथ साझा कर रहा हूँ।
(रचनाकार मंच से साभार 👇)
*रचनाकार दिल्ली 1*

*पंजीयन क्रमांक 2434/2018*

*एक कदम साहित्यिक उत्कृष्टता की ओर*

*संवेदना सृजन सम्मान के साथ*

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*पटल परिणाम*

दिनांक -- 11/2/2025

दिन -- मंगलवार

मिसरा  -- मिलेगा क्या जो हम चर्चा करेंगे 

विधा -- गजल

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*दैनिक सम्मान*
1- सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान
आ० ओंकार सिंह विवेक जी
आ० दीपेश दवे जी
 
2- उत्कृष्ट समीक्षा सम्मान
आ० गिरीश पाण्डेय जी
आ० सरफराज हुसैन फराज जी

3 - संचालन कौशल सम्मान
आ० प्रभात पटेल जी

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सभी चयनित साहित्यसाधको को हार्दिक बधाई 
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*एक किरण विश्वास की*
*सबके साथ विकास की* 

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प्रबंधन मंडल
रचनाकार
(रचनाकार मंच से साभार ☝️)

मेरी उस ग़ज़ल का भी आनंद लीजिए जिसका चयन रचनाकार दिल्ली-1 साहित्यिक पटल द्वारा किया गया :

                  ग़ज़ल 
                  ****
किसी का  सहल गर  रस्ता करेंगे,
कुछ अपने ही लिए अच्छा करेंगे।

इधर  अख़्लाक़   की  देंगे  दुहाई,
उधर  ईमाँ  का  वो  सौदा  करेंगे।

अगर पहुँचे नहीं हम शाम को घर,
पिता जी  रात  भर  चिंता  करेंगे।

पता  है  रहनुमाओं की  हक़ीक़त,
सदा  वा'दे  पे  बस  वा'दा  करेंगे।

जहाँ   मौसूल    होगा   माल-पानी,
वहीं  बेटे   का   वो   रिश्ता  करेंगे।

मिला दी धूल में  संसद की  गरिमा,
न जाने  रहनुमा   क्या-क्या  करेंगे।

किसी  की   चाकरी   तो  चाकरी है,
'विवेक'अब काम कुछ अपना करेंगे।
            ©️ ओंकार सिंह विवेक 


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