ग़ज़लकार दीक्षित दनकौरी जी के संयोजन में 16 वाँ ग़ज़ल कुंभ हरिद्वार में 18-19 जनवरी,2025 को आयोजित होने जा रहा है।पता ही नहीं चला कि कब साल गुज़र गया और ग़ज़ल कुंभ का अगला आयोजन आ पहुँचा।लगता है जैसे चंद दिनों पहले की ही बात हो जब हम तीन साथी ग़ज़ल कुंभ,2024 मुंबई में शिरकत करने गए थे जबकि इस बात को एक साल गुज़र चुका है।
इस आयोजन की लोकप्रियता का अंदाज़ इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल भर ग़ज़लकार/ग़ज़ल प्रेमी इस आयोजन का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। श्री दीक्षित दनकौरी जी अपनी समर्पित टीम के साथ मिलकर प्रतिवर्ष बहुत ही व्यवस्थित/अनुशासित ढंग से भव्य ग़ज़ल कुंभ का आयोजन कराते हैं।इस कार्यक्रम में बहुत से प्रतिष्ठित ग़ज़लकारों के साथ-साथ ऐसे उभरते हुए रचनाकार भी सहभागिता करते हैं जिन्हें अपने सृजन को निखारने और अच्छा मंच पाने की ललक होती है।
इस बार हरिद्वार में आयोजित ग़ज़ल कुंभ के मुख्य अतिथि नेपाल के वरिष्ठ कवि,लेखक तथा समाज सेवी श्री बसंत चौधरी जी होंगे। विशिष्ट आतिथ्य प्रोफेसर (डॉ) उषा उपाध्याय, वरिष्ठ कवयित्री, लेखिका, शिक्षाविद गुजरात का रहेगा। इनके अतिरिक्त निम्न साहित्य मनीषियों का सानिध्य भी रहेगा :
डॉक्टर मधुप मेहता IFS
जनाब इम्तियाज़ वफ़ा,अध्यक्ष उर्दू अकादमी,काठमांडू
श्री शैलेन्द्र जैन अप्रिय, सह संपादक,अमर भारती
श्री राजेन्द्र शलभ,सुकवि,नेपाल
डॉक्टर श्वेता दीप्ति, सुकवयित्री,नेपाल
मैंने वर्ष 2017 के ग़ज़ल कुंभ दिल्ली में पहली बार शिरकत की थी। इसके बाद वर्ष,2023 में ग़ज़ल कुंभ हरिद्वार में तथा वर्ष,2024 में ग़ज़ल कुंभ मुंबई में भी सहभागिता की थी।इस बार पुनः ग़ज़ल कुंभ हरिद्वार में अपने साथियो सुरेंद्र अश्क रामपुरी, राजवीर सिंह राज़, प्रदीप माहिर तथा सुधाकर सिंह के साथ सहभागिता का अवसर प्राप्त हो रहा है।इस बार का अवसर मेरे लिए और ख़ास हो जाता है क्योंकि इस बार वहाँ मेरे दूसरे ग़ज़ल संग्रह 'कुछ मीठा कुछ खारा' का विमोचन भी प्रस्तावित है।
रामपुर से से इस बार दो और साहित्यकार अशफ़ाक़ रामपुरी तथा जावेद रहीम भी इस कार्यक्रम में शिरकत करने वाले हैं।श्री दनकौरी जी के पास ऐसे बडे़ साहित्यिक अनुष्ठान संपन्न कराने का लंबा अनुभव है। उनके पास समर्पित साहित्यकारों और व्यवस्था देखने वालों की एक पूरी टीम होती है जो बहुत मुस्तैदी के साथ अपने काम को अंजाम देती हैं।इस बार की उनकी टीम के कुछ प्रमुख नाम हैं सीमा सिकंदर जी, महव जबलपुरी जी,शैलेश अग्रवाल जी, अलका शरर जी तथा अली अब्बास नौगांवी जी आदि।धन्य हैं वे लोग जो इस साहित्यिक अनुष्ठान में सम्मिलित होते हैं और अनुशासित ढंग से इस दो दिवसीय कार्यक्रम को गरिमा के साथ पूर्ण कराने में अपना सहयोग प्रदान करते हैं।ऐसे कार्यक्रमों में सिर्फ़ रचना पाठ करना ही साहित्यकारों का मक़सद नहीं होता बल्कि ऐसे अवसरों पर दूसरे लोगों से मिलकर उनका हालचाल जानना तथा विभिन्न विषयों पर अनौपचारिक परिवेश में वार्तालाप/संवाद करके अपने चिंतन को निखारना भी एक उद्देश्य होता है।
मैं दीक्षित दनकौरी जी को मुझे ग़ज़ल कुंभ में आमंत्रित करने हेतु धन्यवाद ज्ञापित करता हूं और कामना करता हूं कि वे स्वस्थ्य और मस्त रहते हुए प्रति वर्ष यों ही इस प्रकार के साहित्यक यज्ञों का आयोजन कराते रहें।
प्रस्तुतकर्ता : ग़ज़लकार ओंकार सिंह विवेक
ग़ज़ल कुंभ की पुरानी यादें 🌹🌹👈👈
बहुत सुंदर आलेख!
ReplyDeleteइस ख़ूबसूरत आयोजन में सहभागिता का अलग ही आनन्द है!👍👍💐💐💐
जी, आभार 🙏
Deleteग़ज़ल कुंभ के लिए शुभकामनाएँ
ReplyDeleteआभार आदरणीया 🙏
DeleteAgrim shubhkaamnaayein
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
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