March 29, 2024

सत्याविहार,फेज -2 रामपुर (उoप्रo) में शानदार होली-उत्सव

मित्रो सादर प्रणाम 🌷🌷🙏🙏

       (कार्यक्रम की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वालों को प्रोत्साहन स्वरूप उपहार भी प्रदान किए गए)

त्योहार हमारी सभ्यता, संस्कृति और परंपराओं के वाहक होते हैं।जब सभी लोग मिल-जुलकर सोहार्द पूर्ण वातावरण में तीज-त्योहार मनाते हैं तो जीवन में एक नई ऊर्जा और उमंग महसूस होने लगती है। होली भी एक ऐसा ही त्योहार है जिसमें मन फाग गाने को आतुर हो जाता है,रंगों की धनक सबको आकर्षित करने लगती है गुजियों और ऐसे ही तमाम पकवानों की सुगंध कई दिन पहले से ही आनी प्रारंभ हो जाती है।
होली का ख़ुमार सर चढ़ने पर सत्याविहार फेज-2 रामपुर(उत्तर प्रदेश) के निवासियों ने दिनांक 25 तथा 26 मार्च,2024 को पारस्परिक सहयोग से कॉलोनी में एक शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया।
रंग वाले दिन अर्थात 25 मार्च को प्रात: 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सबने जमकर होली खेली।एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर तथा ढोल की थाप पर होली और फाग गाकर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया। रंग के इस उत्सव में सूक्ष्म जलपान की भी व्यवस्था रही। जलपान में ठंडाई को ख़ास तौर पर लोगों ने पसंद किया।
रंग के अगले दिन अर्थात 26 मार्च,2024 को सांय 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक क्रमश: सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा सहभोज का आयोजन रहा।
दूसरे दिन के कार्यक्रम का प्रारंभ हाऊजी/तंबोला गेम से हुआ। हाऊजी किटी पार्टीज आदि में खेला जाने वाला एक लोकप्रिय गेम है। इसमें महिला वर्ग ने काफ़ी बढ़- चढ़कर हिस्सेदारी की। गेम के संयोजन/संचालन में श्रीमती आशा भांडा तथा श्रीमती सपना अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा।
हाऊजी गेम के बाद श्रीमती पूनम गुप्ता व श्रीमती अलका गुप्ता के संयोजन/संचालन में "वह शक्ति हमें दो दयानिधे ---" प्रार्थना से कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ हुआ।सभी महिलाओं ने सस्वर प्रस्तुति देकर कार्यक्रम का सुंदर आग़ाज़ किया। पुरुषों ने भी महिला मंडल के सुर से सुर मिलाकर प्रार्थना का गायन किया।
यदि ऐसे कार्यक्रमों में बच्चों की सक्रिय सहभागिता न हो तो आनंद नहीं आता। अत: कार्यक्रम में बच्चों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए कई रोचक आइटम्स जैसे डांस,गायन, ट्रिकी प्रश्न तथा tounge twister आदि ख़ास तौर पर रखे गए।
बच्चों की प्रतिभाओं को पल्लवित और पोषित करने वाले इन कार्यक्रमों का संयोजन और संचालन कलात्मक अभिरुचि की धनी श्रीमती पूनम गुप्ता तथा श्रीमती अलका गुप्ता जी द्वारा किया गया। खचाखच भरे पंडाल में सभी ने मोहक प्रस्तुतियों पर करतल ध्वनि से बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम में श्रीमती रेखा सैनी जी ने भी अपनी मधुर आवाज़ में लोकप्रिय फिल्मी गीत "झिलमिल सितारों का आंगन होगा, रिमझिम बरसता सावन होगा" गाकर उपस्थित लोगों की ख़ूब तालियां बटोरीं।
श्री अतर सिंह जी ने चुटीले अंदाज़ में देहात और शहर को लेकर अपने कई संस्मरण/जोक्स सुनाए जिन्हें सुनकर लोग हँसने को मजबूर हो गए।
कॉलोनी निवासी व्यायाम शिक्षक श्री वीर सिंह जी ने शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं तथा आत्म सुरक्षा के कुछ दांव-पेचों का प्रेजेंटेशन भी दिया।उनके प्रेजेन्टेशन से लोग बहुत प्रभावित हुए।
          (कार्यक्रम में प्रसन्नचित मुद्रा में महिला शक्ति)
कार्यक्रम का संचालन करते हुए बीच-बीच में मुझे भी अपने कुछ सामयिक दोहे प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त होता रहा।आप भी उन दोहों का रसास्वादन करें ---
        बच्चे   आंगन  में   खड़े, रंग   रहे  हैं   घोल।
        बजा रहे हैं भागमल,ढम-ढम अपना ढोल।।

        कर में पिचकारी लिए, पीकर थोड़ी भंग।
         देवर जी  डारन  चले, भौजाई  पर रंग।।
                  ©️ ओंकार सिंह विवेक 
 कार्यक्रम को मूर्त रूप प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्री प्रवीण भांडा जी ने भविष्य में और अच्छे कार्यक्रमों की अपेक्षा करते हुए सभी का आभार ज्ञापित किया।
यों तो यह भव्य आयोजन सभी कॉलोनी वासियों के पारस्परिक सहयोग और सहमति से ही संपन्न हो सका। परंतु कुछ लोगों का यदि ख़ास तौर पर ज़िक्र न किया जाए तो यह ब्लॉग पोस्ट अधूरी ही कही जाएगी।कार्यक्रम की रुपरेखा,व्यवस्था और यथोचित क्रियान्वयन में श्री प्रवीण भांडा जी, श्री आर के गुप्ता जी,भाई अंकुर रस्तौगी जी तथा श्री के के अग्रवाल,एडवोकेट का विशेष सहयोग रहा।इन लोगों की पहल के कारण ही इतना सुंदर आयोजन संभव हो सका। अत: इन लोगों के प्रति विशेष आभार प्रकट करना हम सबका दायित्व है।
कार्यक्रम के अंत में सबने लज़ीज़ डिनर का लुत्फ़ उठाया।
इन आयोजनों का उद्देश्य जलपान,सहभोज और मनोरंजन करना मात्र ही नहीं होता।ऐसे अवसरों पर लोग अपने रुतबे/ओहदे आदि के पूर्वाग्रह से मुक्त होकर एक साथ बैठ पाते हैं,यह एक बड़ी बात है।आशा है भविष्य में सबकी सहमति,सुझाव और सहयोग से कॉलोनी में और अच्छे कार्यक्रमों का आयोजन होता रहेगा।
इति !!!
--- ओंकार सिंह विवेक
 ग़ज़लकार/समीक्षक/कंटेंट राइटर/टेक्स्ट ब्लॉगर

2 comments:

Featured Post

ग़ज़ल/कविता/काव्य के बहाने

सभी साहित्य मनीषियों को सादर प्रणाम 🌷🌷🙏🙏******************************************* आज फिर विधा विशेष (ग़ज़ल) के बहाने आपसे से संवाद की ...