December 10, 2023

सर्दी वाले दोहे

विषयगत दोहे

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 दिसंबर , रजाई , अलाव , चाय , धूप 

@ओंकार सिंह विवेक 

दिसंबर

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माह दिसंबर  आ  गया,ठंड  हुई   विकराल।

ऊपर  से  करने  लगा,सूरज  भी  हड़ताल।।

रजाई

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हाड़   कँपाती  ठंड  से,करके   दो-दो  हाथ।

स्वार्थ  बिना  देती रही,नित्य  रजाई  साथ।।

अलाव

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चौराहे  के  मोड़  पर,जलता  हुआ  अलाव।

नित्य विफल करता रहा,सर्दी का हर दाव।।

चाय

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खाँसी और ज़ुकाम  का,करके  काम तमाम।

अदरक वाली  चाय  ने, ख़ूब कमाया  नाम।।

धूप

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कल  कुहरे  का देखकर,दिन-भर घातक  रूप।

कुछ पल ही छत पर रुकी,सहमी-सहमी धूप।।

                    @ओंकार सिंह विवेक 

(सर्वाधिकार सुरक्षित)


अपनी बात 🌹🌹👈👈



14 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 11 दिसम्बर 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. वाह! शानदार सृजन!

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  3. कल कुहरे का देखकर,दिन-भर घातक रूप।
    कुछ पल ही छत पर रुकी,सहमी-सहमी धूप।।

    वाह, बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

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  4. समसामयिक सुंदर सार्थक दोहे!

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  5. बहुत सुंदर सार्थक सामायिक दोहे।

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