December 1, 2023

अभी तीरगी के निशां और भी हैं

नमस्कार मित्रो 🌹🙏
एक मतला' और एक शेर समाअत कीजिए :

@
अभी  तीरगी  के निशाँ और भी  हैं,
उजाले  तेरे  इम्तिहाँ  और   भी  हैं।

अभी रंजो-ग़म कुछ उठाने हैं बाक़ी,
अभी तो  मेरे  मेहरबाँ  और  भी  हैं।
     @ओंकार सिंह विवेक 
 



No comments:

Post a Comment

Featured Post

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🌹

मित्रो श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व की आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं 🌹🌹🙏🙏     आ जाओ हे नंदलला तुम आ जाओ,     आज ...