October 13, 2023

🌹 दोस्तों के बहाने 🌹

रामपुर (उत्तर प्रदेश) की रज़ा लाइब्रेरी की स्थापना के 250 वर्ष पूर्ण होने पर 7,8 और 9अक्टूबर,2023 को प्रशासन की ओर से कई सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस प्रकार के कार्यक्रम वर्ष भर चलते रहेंगे। वृहद स्तर पर ऐसे  विशाल कार्यक्रमों का आयोजन जनपद वासियों के लिए गौरव की बात है। रामपुर तथा रज़ा लाइब्रेरी की समृद्ध सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान से सब भली भांति परिचित हैं। इस प्रकार के आयोजन निश्चित ही रामपुर की इस साँझी विरासत को और अधिक मजबूत बनाएंगे। 
रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के २५० वें स्थापना वर्ष पर आयोजित होने वाले अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला में हाल ही में हुए तीन दिवसीय सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों में जिन तीन दोस्तों/मुख़लिसों की कंपनी में वहाँ जाना हुआ उनका ज़िक्र न किया जाए तो यह ब्लॉग पोस्ट अधूरी रहेगी।


पिछले लगभग एक वर्ष से मैं स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का अनुसरण करने वाली स्वयं सेवी संस्था भारत विकास परिषद से भी जुड़ा हुआ हूं। पारिवारिक व्यस्तता के बीच महीने में कम से कम एक बार तो इसकी पारिवारिक बैठकों में जाना हो ही जाता है। आप चाहे किसी उत्सव/कार्यक्रम या बैठक में चले जाईए अपनी रुचि और मिज़ाज के कुछ लोग वहां मिल ही जाएंगे।परिषद में भी ऐसे कई लोग हैं जिनसे अच्छी घुटने लगी है।परिषद के ऐसे ही एक वरिष्ठ साथी हैं बड़े भाई श्री प्रशांत कुमार गुप्ता जी(ऊपर चित्र में सबसे बाईं तरफ़)।बहुत ही डैशिंग पर्सनालिटी के मालिक हैं।यों तो सीनियर सिटीजन हैं परंतु उनकी पर्सनालिटी अच्छे-अच्छे नौजवानों पर भारी है। उनका बाह्य रूप जितना सुंदर है उतने ही सुंदर वह मन और व्यवहार से भी हैं।कलात्मक अभिरुचि के धनी श्री प्रशांत जी साहित्य तथा संगीत में गहरी रुचि रखते हैं। श्री प्रशांत जी आजकल अपनी कलात्मक रुचि के कार्यों में व्यस्त रहते हुए मस्त ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। उनके मुहब्बत भरे इसरार पर तीनों ही दिन रज़ा लाइब्रेरी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में जाकर पूरा लुत्फ़ उठाने का मौक़ा मिला।
इसी कड़ी में एक नाम अनुज रविंद्र पाल सिंह जी(तस्वीर के मध्य) का आता है जो भारत विकास परिषद के बहुत ऊर्जावान सदस्य हैं।आप बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापक हैं और कैरियर को लेकर बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों का भी मार्गदर्शन करते हैं। सिंह साहब भी बहुत ही विनम्र और संजीदा इंसान है।बातचीत में उन्होंने बताया कि अच्छे साहित्य में उनकी गहन रुचि है और अब तक मुंशी प्रेमचंद के कई उपन्यास पढ़ चुके हैं।रविंद्र जी डॉक्टर कुमार विश्वास के भी बड़े फैन हैं।
इस कड़ी में भारत विकास परिषद के तीसरे वरिष्ठ साथी आदरणीय उमेश कुमार रस्तौगी साहब हैं जिन्हें प्यार से सब पहलवान साहब कहते हैं।आप कलेक्ट्रेट रामपुर से सेवानिवृत्त हुए हैं और जीवन की इस पारी को भी बड़े मस्तमौला ढंग से गुज़ार रहे हैं, ईश्वर उन्हें दीर्घायु प्रदान करें।पहलवान साहब बहुत व्यवहार कुशल हैं और समाज में अच्छी पकड़ रखते हैं। हर जगह पूरे रोब-दाब के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में दक्ष हैं। आपकी ऊर्जा भी नौजवानों के लिए एक प्रेरणा है।इन तीनों लोगों के साथ लाइब्रेरी के कार्यक्रमों का आनंद लेना एक अविस्मरणीय अनुभव रहा।
  कार्यक्रम में मुशायरे वाले दिन जब हम लोग क़िले में प्रवेश करने ही वाले थे कि इस मुशायरे में आमंत्रित मशहूर 
तंज़-ओ-मज़ाह के शायर मुहतरम पॉपुलर मेरठी साहब अपने दो साथियों के साथ कार्यक्रम स्थल की ओर जाते हुए मिल गए। वरिष्ठ साथी श्री प्रशांत जी ने उन्हें पहचानकर अदब से सलाम ठोका और उनकी हास्य व्यंग्य की रचनाओं की बहुत तारीफ़ की।हम लोग भी उनसे गर्मजोशी के साथ मिले। उन्होंने हमारे साथ मुस्कुराते हुए तस्वीर भी खिंचवा ली।
पॉपुलर मेरठी साहब का यह शेर शायद आपको हँसने पर मजबूर करे :
     एक बीवी कई साले हैं ख़ुदा ख़ैर करे,

    खाल सब खींचने वाले हैं ख़ुदा ख़ैर करे।

             --- पॉपुलर मेरठी 


किसी मशहूर शायर का यह शेर अपने इन दिलचस्प दोस्तों की नज़र करते हुए अपनी बात समाप्त करता हूं :
       कितने हसीन लोग थे जो मिलके एक बार,
        आँखों में जज़्ब हो गए, दिल में समा गए।
                 ------ अज्ञात
प्रस्तुति : ओंकार सिंह विवेक
साहित्यकार/समीक्षक/कंटेंट राइटर/ब्लॉगर 


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