पर्यावरण को लेकर दुनिया के तमाम देश चिंता दिखाते तो नज़र आते हैं परंतु धरातल पर कुछ ठोस कर दिखाने में अक्सर इच्छा शक्ति कमज़ोर पड़ जाती है, ऐसा प्रतीत होता है।पर्यावरण संरक्षण के नाम पर कई दिवस मनाए जाते हैं,लोगों को निरंतर जागरूक करने का प्रयास भी किया जाता है।इस कार्य के लिए बड़े- बड़े बजट भी आवंटित किए जाते हैं परंतु बिगड़ते हालात को देखते हुए यह लगता है कि इस दिशा में अभी इतनी गंभीरता से प्रयास नहीं हो रहे हैं जितनी गंभीरता से होने चाहिए।
सरकारें, शासन और प्रशासन के साथ साथ ही हम सबको भी अपना दायित्व समझना पड़ेगा तभी बिगड़ते पर्यावरण को बचाया जा सकता है।हम अपने आस-पास सफ़ाई रखें, पेड़ लगाकर हरियाली को बचाएं और बढ़ाएं। नदियों में कूड़ा और कचरा न डालें।वनों का अनावश्यक दोहन और पहाड़ों से छेड़-छाड़ न करें।आसमान में बढ़ते हस्तक्षेप को रोकें तथा पेट्रोलियम पदार्थों के अत्यधिक प्रयोग पर भी लगाम लगाएं। ऐसे ही असंख्य और उपाय हो सकते हैं जिनसे प्रदूषित होते पर्यावरण को बचाकर धरती के हर जीवधारी के जीवन की रक्षा की जा सकती है ।जितनी जल्दी हो सके हम सबको चेतना होगा वर्ना जीवन संकट में पड़ जाएगा।
इस ज़रूरी चर्चा के बाद आइए विषय से संबंधित अपने कुछ दोहों से आपको रूबरू कराता हूं :
पर्यावरण : पाँच दोहे
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ओंकार सिंह विवेक
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करता है दोहन मनुज,ले विकास की आड़,
कैसे चिंतित हों नहीं , जंगल-नदी-पहाड़।
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ताप धरा का बढ़ रहा,पिघल रहे हिमखंड,
आज प्रकृति से छेड़ का,मनुज पा रहा दंड।
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सब ही मैला कर रहे,निशिदिन इसका नीर,
गंगा माँ किससे कहे,जाकर अपनी पीर।
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देते हैं हम पेड़ तो,प्राण वायु का दान,
फिर क्यों लेता है मनुज, बता हमारी जान।
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सबसे है मेरी यही, विनती बारंबार,
वृक्ष लगाकर कीजिए, धरती का शृंगार।
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--ओंकार सिंह विवेक
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (28-6-22) को "आओ पर्यावरण बचाएं"(चर्चा अंक-4474) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
हार्दिक आभार आदरणीया
Deleteसही लिखा ,पर्यावरण बचेगा तो हम बचेंगे
ReplyDeleteआभार आदरणीया
Deleteज़रूरी संदेश
ReplyDelete🙏🙏🙏🌹
Deleteबहुत बढ़िया लिखा सर।
ReplyDeleteसरकारें व आप जन की सहभागिता यह पड़ाव भी हम पार कर सकते हैं परंतु धरातल पर कोई उतरे तब न...
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सराहनीय दोहे.
जी सत्य वचन
Deleteसटीक
ReplyDeleteआभार आदरणीया
Deleteसुंदर सराहनीय सामयिक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteअतिशय आभार आपका 🙏🙏
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