March 10, 2022

ख़ुशी भी ज़िंदगानी दे रही है

दोस्तो शुभ प्रभात🙏🙏
अब से कुछ देर बात पाँच राज्यों में हुए चुनाव की मतगणना का हाल जानने के लिए सब अपने-अपने टी वी सेट्स से चिपककर बैठ जाएँगे।पहला रुझान आते ही सब अपने आस्था वाले दल या पार्टी को मिलने वाली सीटों का अनुमान लगाने लगेंगे।आज दिन भर यही गहमा-गहमी रहेगी।जो नेता इलेक्शन लड़ रहे हैं उनको निःसंदेह रात नींद नहीं आई होगी। नेताओं के दिमाग़ में बस एक ही बात चल रही होगी कि जैसे भी हो सीट जीतनी ही चाहिए।बहरहाल ,आज दिनभर के लिए बहुत मसाला है चर्चा-परिचर्चा के लिए सबके पास।
आप वोटों की गिनती के रुझान और परिणाम देखिए और एक ताज़ा ग़ज़ल का आनंद भी लीजिए--

ग़ज़ल***ओंकार सिंह विवेक
©️ 
अगर  कुछ   सरगिरानी  दे  रही है,
ख़ुशी   भी  ज़िंदगानी  दे   रही  है।

चलो  मस्ती  करें , ख़ुशियाँ  मनाएँ,
सदा  ये   रुत   सुहानी  दे   रही है।

बुढ़ापे  की   है  दस्तक  होने वाली,
ख़बर  ढलती  जवानी  दे   रही  है।

गुज़र आराम  से  हो  पाये , इतना-
कहाँ खेती - किसानी  दे   रही  है।

फलें-फूलें न क्यों नफ़रत  की  बेलें,
सियासत  खाद -पानी  दे  रही  है।

सदा  सच्चाई  के  रस्ते  पे  चलना,
सबक़ बच्चों  को  नानी  दे रही है।

तख़य्युल की है बस परवाज़ ये तो,
जो  ग़ज़लों  को  रवानी दे  रही है।  
     ---©️ ओंकार सिंह विवेक


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