February 6, 2022

हे!ऋतुराज वसंत जी बहुत-बहुत आभार


      
      हे ! ऋतुराज वसंत जी, बहुत-बहुत आभार
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कल वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय पल्लव काव्य मंच,रामपुर-उ0प्र0 की ओर से कवि  शिव कुमार चंदन के आवास पर वरिष्ठ कवि श्री राम सागर शर्मा की अध्यक्षता में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
माँ शारदे के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन व पुष्प अर्पित कर सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ जिसमें कवियों ने ऋतुराज वसंत के साथ -साथ विभिन्न सामयिक विषयों पर अपनी प्रभावशाली प्रस्तुति से कार्यक्रम को रोचक बना दिया।
कवि/ग़ज़लकार ओंकार सिंह विवेक ने अपनी प्रस्तुति देते हुए कहा--
   धरती माँ  का  कर दिया,मनमोहक शृंगार,
   हे!ऋतुराज वसंत जी, बहुत-बहुत आभार।
विवेक जी ने अपनी एक सहज ग़ज़ल भी कार्यक्रम में प्रस्तुत की
             ©️ओंकार सिंह विवेक
             है जल भी  साफ़ और ताज़ा हवा है,
             नगर  से  गाँव  ही  अपना  भला है।

             कहा   है  ख़ार  के  जैसा  किसी  ने,
             किसी ने ज़ीस्त को गुल-सा कहा है।

            किसे   लानत - मलामत  भेजते  हो,
            अरे!  वो  आदमी  चिकना  घड़ा  है।
              ©️
            ज़रा   सी  चूक  ने  बाज़ी  पलट  दी,
            सिवा अफ़सोस के अब क्या बचा है।

            बड़ा  नादां  है, जो  दरिया  के  आगे-
            समुंदर  प्यास   का  लेकर  खड़ा  है।

            उसे   धमका   रहा   है  रोज़  कुहरा,
            ये  कैसा  वक़्त  सूरज  पर  पड़ा  है।

            भला क्यों जाएँ मयख़ाने की जानिब,
            चढ़ा  शेरो-सुख़न  का  जब  नशा है।
                      ---  ©️ओंकार सिंह विवेक
            
कवि शिव कुमार चंदन ने कुछ इस प्रकार अपने उद्गार व्यक्त किए
   शारदे  निवार  दे  तू जग  के विविध ताप,
   ज्ञान ज्योति कौ प्रकाश अन्तस् जगाय दे।
कवि प्रदीप राजपूत माहिर ने कुछ इस प्रकार अभिव्यक्ति दी
      सुबह  वसंती, सांझ वसंती,रात वसंती है,
      हम से दीवानों की हर एक बात वसंती है।
कवि राम सागर शर्मा ने कहा
        टेसू फूल फूले कानन में,
        आग लगाए नव यौवन में।
        गई शिशिर हेमंत ठिठुर-ठिठुरकर
        ऋतु वसंत आ गई बदन में।
कवि जितेंद्र कुमार नंदा ने कहा
       फूल हैं हम सरस् कोमल,
       दिव्यता की शान हैं हम।
       जिसने भी हमको बनाया,
       उस साईं की पहचान हैं हम।
कार्यक्रम में आशीष पांडे तथा नवीन पांडे आदि के साथ शिव कुमार चंदन जी के समस्त परिजन उपस्थित उपस्थित रहे।अंत में मिष्ठान वितरण के उपरांत कवि चंदन द्वारा सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।

2 comments:

  1. अत्युत्तम! साधुवाद आपको!💐💐

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