January 1, 2022

मिला है ख़ुश्क दरिया देखने को

ग़ज़ल-- ©️ओंकार सिंह 'विवेक'
©️
मिला  है  ख़ुश्क  दरिया  देखने को,
मिलेगा  और  क्या-क्या देखने को।

किसी  मुद्दे  पे  सब  ही एकमत हों,
कहाँ  मिलता  है  ऐसा  देखने  को।

तो   गुजरेंगे  अजूबे  भी   नज़र  से,
अगर निकलोगे  दुनिया  देखने को।
©️
किसी  के  पास  है  अंबार  धन का,
कोई  तरसा  है   पैसा   देखने  को।

सुना  आँधी  को  पेड़ों  से  ये कहते,
तरस   जाओगे   पत्ता   देखने  को।

बना था ज़ेहन में कुछ अक्स वन का,
मिला  कुछ  और  नक़्शा देखने को।

नज़र   दहलीज़   से   कैसे  हटा  लूँ,
कहा   है   उसने  रस्ता   देखने  को।
    --- ©️ ओंकार सिंह 'विवेक'

13 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर रविवार 02 जनवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार आपका🙏🙏

      Delete
    2. आदरणीय ओंकार सिंह विवेक जी, नमस्ते!👏! आपको परिवारसहित नववर्ष की असीम शुभकामनाएँ!
      किसी मुद्दे पे सब ही एकमत हों,
      कहाँ मिलता है ऐसा देखने को।
      बहुत सुंदर ग़ज़ल है। साधुवाद!--ब्रजेंद्रनाथ

      Delete
    3. आदरणीय आपको भी नव वर्ष मंगलमय हो🙏🙏
      प्रोत्साहन प्रतिसाद हेतु आपका अतिशय आभार

      Delete
  2. बना था ज़ेहन में कुछ अक्स वन का,
    मिला कुछ और नक़्शा देखने को।

    नज़र दहलीज़ से कैसे हटा लूँ,
    कहा है उसने रस्ता देखने को।

    वाह ।।।। लाजवाब ग़ज़ल ।

    ReplyDelete
  3. किसी के पास है अंबार धन का,
    कोई तरसा है पैसा देखने को।
    बहुत ही सही और सटीक बात कही आपने!
    लाजवाब.. .. !!

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार मनीषा जी

      Delete
  4. बहुत ही सुंदर सराहनीय सृजन।
    किसी मुद्दे पे सब ही एकमत हों,
    कहाँ मिलता है ऐसा देखने को.. वाह!

    आपको नववर्ष की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएँ।
    सादर नमस्कार

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार आदरणीया।
      आपको भी नव वर्ष की बधाई

      Delete
  5. बहुत सुंदर रचना
    नववर्ष मंगलमय हो

    ReplyDelete
  6. बहुत सुंदर रचना
    नववर्ष मंगलमय हो

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार।आपको भी नव वर्ष मंगलमय हो

      Delete

Featured Post

साहित्यिक सरगर्मियां

प्रणाम मित्रो 🌹🌹🙏🙏 साहित्यिक कार्यक्रमों में जल्दी-जल्दी हिस्सेदारी करते रहने का एक फ़ायदा यह होता है कि कुछ नए सृजन का ज़ेहन बना रहता ह...