May 14, 2019

हिना

फूलों से खिलता यह घर है रची हथेली  कहती है,
सबका मन ख़ुशबू से तर है रची हथेली कहती है।
हम भी अपने मन में दीपक जला रखें उम्मीदों के,
ख़ुशियों का पावन अवसर है रची हथेली कहती है।
                      -------------ओंकार सिंह विवेक

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