July 10, 2024

प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक सेवा निवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति की रामपुर इकाई की बैठक

साथियो नमस्कार 🌹🌹🙏🙏

संगठन में बहुत शक्ति होती है। किसी भी समाज अथवा संस्था के सफल होने के लिए उसके लोगों का संगठित होना बहुत ज़रूरी होता है।यदि लोग पूर्वाग्रह और स्वार्थ छोड़कर संगठित हो जाएं और अपना सही रहनुमा चुन लें तो संगठन/क़ाफ़िले को मंज़िल पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता।

यह ख़ुशी की बात है कि प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक सेवा निवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति(मुख्यालय मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश) ने संगठित होकर ठीक रहनुमाओं का चुनाव किया जिस कारण आज यह संगठन रिटायर्ड साथियों के हितार्थ नि:स्वार्थ भाव से क्रियाशील है। 

प्रसंगवश मुझे अपना ही एक शेर याद आ गया --

बढ़ रहा है जो ये मंज़िल की तरफ़,

क़ाफ़िले को रहनुमा अच्छा मिला।

           ©️ ओंकार सिंह विवेक 

रविवार दिनांक 7.7.2024 को मंथन रेस्टोरेंट रामपुर में कर्मचारी कल्याण समिति की केंद्रीय इकाई के आह्वान पर रामपुर यूनिट के बैनर तले रिटायर्ड् साथियों की एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई।

मंच गठन के बाद कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए स्थानीय इकाई के सचिव श्री ए एम ख़ान ने बैठक में आए सभी साथियों का गर्म जोशी से स्वागत किया --

बैठक में विचार रखते हुए श्री अभय शंकर अग्रवाल ने कहा कि इस तरह की बैठकें जल्दी-जल्दी आयोजित की जानी चाहिए ताकि सबको गतिविधियों की नवीनतम जानकारी मिलती रहे और मिलना-मिलाना होता रहे।

श्री सलिल कुमार जोशी ने अग्रवाल साहब के कथन का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसी बैठकें जल्दी-जल्दी यदि सपरिवार आयोजित की जाएं तो और भी ठीक रहे।इससे संपर्क का दायरा बढ़ेगा और एक दूसरे के सुख दुख में सहभागी बनने की संभावनाएं बढ़ेंगी।

बैठक में श्री के यू ख़ान ने विचार रखते हुए सबसे अपने व्यवहारिक सुझाव देने के लिए कहा। उन्होंने अपने लतीफ़ों से सबको हँसने पर भी मजबूर कर किया।

समिति की केन्द्रीय इकाई से पधारे समिति के अध्यक्ष आदरणीय श्री अनिल कुमार तोमर साहब ने समिति की राष्ट्रीय स्तर पर चल रही गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समिति के सार्थक प्रयासों से कई लंबित मुद्दे शीघ्र ही हल होने वाले हैं। उन्होंने सदस्यों से सामाजिक कार्यों में भी योगदान करने की अपील की।


समिति के कोषाध्यक्ष श्री हरि प्रकाश शर्मा ने समिति के प्रारंभ से अब तक के सफ़र के बारे में जानकारी देते हुए सदस्यों से अपने वार्षिक अंशदान को नियमित रखने का अनुरोध किया।


सचिव श्री आन्नद स्वरूप गुप्ता ने कहा कि रिटायर्ड साथियों को संगठन के प्रति जागरूक रहने की बहुत आवश्यकता है क्योंकि single capacity में उनकी बात सुनी जाए इसकी संभावनाएं बहुत कम हो जाती हैं। उन्होंने रिटायर्ड कर्मियों के हितार्थ बचत तथा निवेश आदि को लेकर भी कई महत्वपूर्ण बातें बताईं।


समिति के कार्यालय सचिव श्री धन सिंह जी ने अधिक से अधिक संख्या में समिति से जुड़ने का आह्वान किया।केन्द्रीय इकाई के महासचिव श्री इरफ़ान आलम स्वास्थ्य समस्या के चलते बैठक में सहभागिता नहीं कर सके परंतु वह समिति के व्हाट्सएप ग्रुप पर निरंतर सक्रिय रहे।


बैठक में प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक मुख्य शाखा रामपुर के वरिष्ठ प्रबंधक श्री संदीप सिंह जी ने शॉल तथा बुके भेंट करके समिति के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार तोमर जी तथा महासचिव श्री इरफ़ान आलम साहब का सम्मान किया।श्री इरफ़ान आलम साहब का सम्मान स्वरूप शॉल उनकी और से उनके भाई साहब द्वारा प्राप्त किया गया।श्री संदीप सिंह जी ने कहा कि उनकी शाखा में सेवानिवृत्त साथियों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

बैठक में माल्यार्पण द्वारा समिति के नए सदस्यों का स्वागत करते हुए उनसे नियमित रूप से बैठकों में आने का अनुरोध किया गया।



समिति के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार तोमर जी द्वारा सर्वसहमति से निम्नानुसार पुनर्गठित स्थानीय इकाई के पदाधिकारियों की घोषणा की गई :  

  1. श्री कलीमुल्लाह ख़ान -- संरक्षक

2    ‌श्री  सलिल कुमार जोशी-- अध्यक्ष  

3.    श्री सतनाम सिंह-- उपाध्यक्ष   

4.श्री राजेन्द्र सिंह यादव-- उपाध्यक्ष

5 श्री अब्दुल मोअज्ज़म ख़ान -- सचिव 

6.श्री  फ़क़ीर चंद --   कोषाध्यक्ष 

7.  श्री प्रवीण सक्सैना-- संगठन सचिव 

8 श्री ओंकार सिंह --   प्रसार सचिव  

 इसके अलावा कार्यकारिणी सदस्य के रूप में श्री जी एस काला,श्री लियाक़त हुसैन , श्री सुशील कुमार अग्रवाल , श्री दीपक सक्सैना,श्री हादी हसन खां, श्री आशुतोष गुप्ता , श्री लक्ष्मण प्रसाद जी के नामों की घोषणा की गई।

श्री एन एन सिद्दीक़ी साहब ने अध्यक्षीय उद्बोधन में अपने दिलचस्प शायराना अंदाज़ में संगठन शक्ति की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने इस तरह के आयोजनों/बैठकों की प्रशंसा करते हुए रिटायर्ड साथियों से अपनी सेहत का भी ख़ास ध्यान रखने की अपील की। 

इनके अतिरिक्त वरिष्ठ स्थानीय साथियों में श्री प्रवीण कुमार सक्सैना,श्री एस के अग्रवाल,श्री आई एच ख़ान,श्री आशुतोष गुप्ता,श्री गंगा सरन तथा हाजी लियाक़त हुसैन तथा प्रदीप यादव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।


कार्यक्रम के संचालन का दायित्व मुझ ख़ाकसार (समिति सदस्य ग़ज़लकार ओंकार सिंह विवेक) द्वारा वहन किया गया :


मौसम ख़राब होने के बावजूद भी इस मीटिंग में रामपुर, रूद्रपुर, बिलासपुर, मिलक,स्वार से बड़ी सख्या में सेवा निवृत्त साथी सम्मिलित हुए जो संगठन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


बैठक में विचारों का आदान-प्रदान करते हुए सदस्यों द्वारा 12वें वेतन समझौते के ग्रामीण बैंक में लागू होने में विलम्ब पर आक्रोश व्यक्त किया गया।सभा में समिति के कार्यो तथा प्रबंधन के सकारात्मक सहयोगी रूख़ की विशेष सराहना की गई। यह भी अपेक्षा की गयी कि सेवा निवृत्त कर्मियों को बैंक द्वारा दिए जा रहे ऋण पर सेवारत कर्मियों के समान ब्याज दर पर ही ऋण की व्यवस्था की जाये।सेवानिवृत्त साथियों से संगठन को मजबूत बनाने के साथ-साथ सामाजिक कार्यो में भी बढ़ चढ़कर सहभागिता करने की अपील की गई।कार्यक्रम के पश्चात सुस्वादु भोजन की भी व्यवस्था रही।

सभा समापन पर श्री के यू ख़ान द्वारा सभी का आभार ज्ञापित किया गया।अंत में दिवंगत साथियों की आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण करके सभा समाप्ति की घोषणा की गई।

        प्रस्तुति : ओंकार सिंह विवेक 

            (ग़ज़लकार, काव्य समीक्षक तथा कंटेंट राइटर) 

July 4, 2024

यूं ही थोड़ी बिफर गया मौसम


अक्सर मौसम को लेकर चर्चाओं का दौर जारी रहता है।लोगों को शिकायत रहती है कि मौसम बहुत ज़ियादती कर रहा है आजकल।कभी अधिक गर्मी को लेकर हाहाकार होता है तो कभी अधिक वर्षा के कारण बाढ़ और सैलाब  को लेकर।कभी ख़ून जमा देने वाली ठंड जीवन को अस्त व्यस्त कर देती है।बात ठीक भी जान पड़ती है।अधिकता तो किसी भी चीज़ की सही नहीं होती। परंतु यदि मौसम आज इस प्रकार अति कर रहा है तो इसके पीछे के कारणों पर भी गंभीरता से विचार करना होगा।इन अप्रत्याशित असामान्यताओ में मौसम का ही दोष नहीं है अपितु हम स्वयं भी इसके लिए ज़िम्मेदार हैं।सोचिए हम मौसम से तो ठीक से हक़ अदा करने की अपेक्षा रखते हैं परंतु कभी सोचा कि क्या हम पर्यावरण और प्रकृति के प्रति अपने उत्तरदायित्व ठीक से निभा पा रहे हैं ? अंधाधुंध वनों का कटान, पहाड़ों से छेड़-छाड़,नदियों को प्रदूषित करना,अत्यधिक वायु और ध्वनि प्रदूषण करना,आसमान में निरंतर हानिकारक गैसें छोड़ना।यह सब करके मानव निरंतर पर्यावरण को क्षति पहुंचा रहा है।उसे ओज़ोन परत की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है।फिर भला प्रकृति और पर्यावरण क्रोधित क्यों न हों हमसे। ज़रूरी है कि पहले हम इन बातों पर गंभीरता से विचार करें और प्रकृति के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझें उसके बाद ही प्रकृति और मौसम से कोई शिकायत करें।
इन दिनों ये ही बातें ज़ेहन में चलती रहीं सो एक ग़ज़ल हो गई।आप इस ग़ज़ल का आनंद लें :

ग़ज़ल 
*****

ख़ूब  देकर  ख़बर  गया   मौसम,

ख़ौफ़ ज़हनों  में भर गया मौसम।


लोग मिलते थे जब ग़रज़ के बिना,

वो तो  कब का गुज़र गया मौसम।


मेह  बरसाके  ख़ुश्क  फ़सलों  पर,

मोतियों-सा  बिखर  गया  मौसम।


आह  निकली   है   अन्नदाता  की,

हाय ! क्या ज़ुल्म कर गया मौसम।


की   गई   छेड़-छाड़   क़ुदरत  से,

यूँ  ही  थोड़ी  बिफर गया मौसम।

  ©️ ओंकार सिंह विवेक


हर गली सूरज का फेरा हो गया 👈👈

July 3, 2024

नई ग़ज़ल का आनंद लीजिए !!!!


दोस्तो हाल ही में मुकम्मल हुई एक  ग़ज़ल आपकी अदालत में पेश है :
ग़ज़ल 
****
कहीं  उम्मीद   से   कम   हो  रही  है,
कहीं  बारिश  झमाझम  हो  रही  है।

नहीं  है  मुद्द'आ  जो  बह्स   लाइक़,
उसी  पर  बह्स  हरदम  हो  रही  है।

ग़ज़ल   पूरी   नहीं   होने   में  आती,
ये  कैसी  फ़िक्र  बरहम  हो  रही  है।

नहीं है  ग़म  सबब  इन आँसुओं का,
ख़ुशी  में  आँख  ये  नम  हो  रही है।

किसी   वी आई पी  का   केस  होगा,
अगर  सुनवाई  इक-दम  हो  रही  है।

बनेगी  ज़िंदगी  कल  सुख की सरगम,
भले अब  दुख की  सरगम  हो रही है।

है कुछ तनख़्वाह भी हज़रत की मोटी,
फिर ऊपर  की  भी इनकम हो रही है।
               ©️ ओंकार सिंह विवेक 



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