January 12, 2022

वृक्षों के संरक्षण को लेकर

           कुंडलिया 
        ---ओंकार सिंह विवेक
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देते   हैं  सबको  यहाँ,प्राणवायु   का   दान,

फिर भी वृक्षों की मनुज,लेता है नित जान।

लेता है नित जान, गई  मति  उसकी  मारी,

जो वृक्षों पर आज,चलाता पल-पल आरी।

कहता सत्य विवेक,वृक्ष हैं कब कुछ  लेते,

वे तो  छाया-वायु,,फूल-फल  सबको  देते। 
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        ---ओंकार सिंह विवेक
(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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