आधा दिसंबर गुज़र चुका है। ठंड धीरे-धीरे अपने तेवर दिखाने लगी है। कुहरे और सूरज दादा में जंग जारी है। कुछ लोग बर्फबारी का आनंद लेने के लिए पहाड़ी स्थानों की ओर रुख़ कर रहे हैं। पूरे NCR को प्रदूषण ने अपनी चपेट में ले रखा है। कुल मिलाकर शीत ऋतु का प्रभाव अलग-अलग ढंग से सबको प्रभावित कर रहा है।ठंड में अपना और अपनों का ध्यान रखते हुए आइए सर्दी वाले कुछ दोहों का आनंद लिया जाए 👇👇
दोहे सर्दी वाले
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माह दिसंबर आ गया,ठंड हुई विकराल।
ऊपर से करने लगा,सूरज भी हड़ताल।।
हाड़ कँपाती ठंड से,करके दो-दो हाथ।
स्वार्थ बिना देती रही,नित्य रजाई साथ।।
चौराहे के मोड़ पर,जलता हुआ अलाव।
नित्य विफल करता रहा,सर्दी का हर दाव।।
खाँसी और ज़ुकाम का,करके काम तमाम।
अदरक वाली चाय ने, ख़ूब कमाया नाम।।
कल कुहरे का देखकर,दिन-भर घातक रूप।
कुछ पल ही छत पर टिकी,सहमी-सहमी धूप।।
@ओंकार सिंह विवेक
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