June 16, 2025

कितने हसीन लोग थे ! (ग़ज़ल से इश्क़ फ़रमाता रहूँगा)



आदमी अपने शौक़ और जुनून के चलते न जाने कहाँ-कहाँ की यात्राएँ कर लेता है। यात्राओं के दौरान तमाम ऐसे लोगों से भी मुलाक़ात हो जाती है जिनसे मिलकर लगता है कि ऐसे बेहतरीन लोगों से तो हमारी बहुत पहले ही मुलाक़ात हो जानी चाहिए थी।आज की भागदौड़ की मशीनी ज़िंदगी में अगर आत्मीयता और स्नेह का भाव रखने वाले कुछ लोगों से मिलना हो जाए तो इसे अपना सौभाग्य ही कहा जाएगा।
जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ अंबाला निवासी अभिनेता एवं साहित्यकार प्रिय भाई रविंदर रवि जी तथा Jus TV चण्डीगढ़ की मृदुभाषी एंकर  तथा प्रोड्यूसर डॉo उर्मिल सखी जी की।
       (चित्र में मेरे दाईं ओर डॉo उर्मिल सखी जी तथा बाईं और रविंदर रवि जी)
 
 रवि जी से अक्सर फोन पर बात होती रहती है।उनके  बारे में बता दूँ कि वो जितने अच्छे साहित्यकार हैं उससे कहीं अच्छे इंसान हैं। उनकी विनम्रता से आदमी पहली ही नज़र में प्रभावित हो जाता है। रविंदर जी ने काफ़ी समय पहले मुझसे कहा था कि सर कभी प्रोग्राम बने तो अंबाला और चंडीगढ़ आइए मैं आपको जस टी वी वालों से मिलवाऊँगा।कहते हैं न कि जहाँ चाह है वहाँ राह है। सो 14-15 जून,2025 को अपने तीन साहित्यकार मित्रों अश्क रामपुरी, प्रदीप माहिर तथा राजवीर सिंह राज़ के साथ चंडीगढ़ जाने का संयोग बन ही गया।

   
  (चारों घुमक्कड़ साहित्यकार जस टी वी-कार्यालय पर)

 जस टी वी-एंकर डॉo उर्मिल सखी जी उनके स्टाफ तथा भाई रविंदर रवि जी ने बड़ी गर्मजोशी के साथ हम सब का स्वागत किया।उन लोगों के अपनत्व तथा आत्मीयता पूर्ण व्यवहार से ऐसा लगा ही नहीं कि जैसे हम लोग पहली बार मिले हों।
जलपान के बाद डॉo उर्मिल सखी जी से साहित्य तथा घर-परिवार के विषय में काफ़ी देर तक बातचीत होती रही।आदरणीया उर्मिल जी की सदाशयता और व्यवहार कुशलता से सभी साथी बहुत प्रभावित हुए।
डॉo उर्मिल सखी जी की विनम्रता तथा सहजता देखकर मुझे किसी मशहूर शायर का यह शेर बार-बार याद आता रहा :
          कितने हसीन लोग थे जो मिलके एक बार,
           आँखों में जज़्ब हो गए दिल में  समा गए।उल्लेखनीय है कि Jus TV के Jus Hindi तथा Jus Punjabi आदि कई channels यहाँ पंजाब तथा हरियाणा राज्यों में ही नहीं बल्कि अमरीका तथा कनाडा जैसे देशों में भी बहुत लोकप्रिय हैं। Jus TV की लोकप्रिय ancher तथा programme producer डॉo उर्मिल सखी जी द्वारा महफ़िल-ए-मुशायरा के नाम से हमारा एक सुंदर कार्यक्रम भी रिकॉर्ड किया गया।
चैनल की एंकर,प्रोड्यूसर तथा एक अच्छी लेखिका/कवयित्री उर्मिल सखी जी द्वारा बहुत ही सहज माहौल में हँसते-बतियाते हुए कब एक घंटे का प्रोग्राम रिकॉर्ड कर लिया गया हमें पता ही नहीं चला। आदरणीया उर्मिल जी की निज़ामत की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम होगी।
डॉक्टर उर्मिल सखी जी को मैंने अपने दूसरे ग़ज़ल संग्रह 'कुछ मीठा कुछ खारा' की प्रति भी भेंट की।
कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग के बाद चैनल के स्वामी तथा डॉक्टर उर्मिल सखी जी द्वारा certificate of participation तथा प्रतीक चिह्न देकर सबके प्रति सम्मान का भाव प्रकट किया गया।
हम प्रिय भाई रविंदर रवि जी, डॉoउर्मिल सखी जी सहित जस टी वी के स्वामी सरदार जी एवं चैनल के समस्त स्टाफ का उनके स्नेह तथा आत्मीयता पूर्ण व्यवहार के लिए दिल की गहराईयों से आभार प्रकट करते हैं🌹🌹🙏🙏
मशहूर शायर डॉo बशीर बद्र साहब के इस शेर के साथ अपनी बात समाप्त करता हूँ :
          मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी,
           किसी  मोड़  पर  फिर  मुलाक़ात होगी।

प्रस्तुति : ओंकार सिंह विवेक 
ग़ज़लकार/समीक्षक/कंटेंट राइटर/टैक्स्ट ब्लॉगर 




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